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Welcome Speek
प्रबंधक की लेखनी से
प्रिय विद्यार्थियों
विद्यालय परिवार में आपका अभिनन्दन है |
आप इस परिवार के सदस्य हैं और हमारी अपेक्षा है कि यहाँ की शैक्षिक व अनुशासनात्मक परम्पराओं को आप शीघ्र ही आत्मसात कर लेंगे | शिक्षा एक व्यवहारगत परिवर्तन है जो आपकी सोच व क्रिया को अपेक्षित आकार व प्रकार देती है | इस शिक्षा को आनंददायी व गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए हम कृत संकल्पित हैं |
एक विद्यार्थी भी समाज का ही एक अंग होता है और वह समाज से अनवरत सिखाता रहता है | इस अधिगम की दिशा निर्धारण करने का दायित्व विद्यालय का ही होता है |
जीवन के शीर्षस्थ उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वाह्य प्रयत्न ही पर्याप्त नहीं होते अपितु आत्मविश्लेषण,आत्मानुशासन व अनवरत स्वाध्याय साधना जैसे अभ्यांतरित प्रयत्न भी अपरिहार्य होते हैं |
आत्मानुशासन विद्यार्थी जीवन का सर्वश्रेष्ठ मूल्य होता है |अतः इस मूल्य को आप अनवरत धारण करें और अपने अध्ययन के प्रति समर्पित रहें |
“आपके सुखद उज्जवल भविष्य हेतु हार्दिक शुभकामनाएं”
अश्विनी कुमार तिवारी
संस्थापक / प्रबन्धक
एम०ए०,बी०एड० अवकाशप्राप्त प्रवक्ता
प्रधानाचार्य का सन्देश
उत्प्रेरण
प्रिय विद्यार्थियों
शुभाशीष |
विद्यालय परिवार में आपका हार्दिक अभिनन्दन है विद्यालय सामाजिक संरचना एवं व्यक्तित्व निर्माण के निर्धारक होते है विद्यालय की पहचान संरचनात्मक ढांचे से ही नहीं अपितु विद्यार्थियों हेतु उच्च शैक्षणिक मानकों की उपलब्धता व अनुशासन से परिपूर्ण वातावरण से होती है |
हम शिक्षा के साथ साथ संस्कारों व मानवीय मूल्यों के उत्थान हेतु सदैव प्रयत्नशील हैं | विद्यालय में पारिवारिक व सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना का विकास करना सदैव हमारी प्राथमिकता रही है |
हमारा सदैव प्रयास रहा है की प्रत्येक विद्यार्थी शैक्षिक गतिविधियों के साथ साथ सह शैक्षिक गतिविधियों में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित करें विद्यार्थियों की समस्या का त्वरित समाधान हमारी उच्च प्राथमिकता है |
हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों के व्यक्तिगत रुचियों, अभिवृत्तियों,क्षमताओं,योग्यताओं,आदर्शों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनका सर्वांगीण विकास करना एवं उनके व्यवहार में वांछित परिवर्तन करके समाज के मानकों एवं आदर्शों के अनुरूप बनाना है , विभिन्न नव तकनिकीयों के माध्यम से हम शिक्षा को सरल ,स्पष्ट ,रुचिकर ,प्रभावोत्पादक ,बोधगम्य एवं गुणात्मक बनाते हैं |
अध्ययन के प्रति आपका समर्पण ही सफलता का कारक है सफलताएं आपको हर्ष से परिपूर्ण रखेंगी,अतः अनवरत अध्ययन के प्रति हमेशा समर्पित रहें |
मैं चाहता हूँ की आप सदैव हर्षित रहने का संकल्प लें |
“शुभकामनाओं सहित”
शैलेश कुमार तिवारी
प्रधानाचार्य
एम.ए.(राजनीति शास्त्र व शिक्षा शास्त्र)बी०एड०
